एक बेहतरीन मनोचिकित्सक Psychiatrist कैसे बने?
नमस्ते दोस्तों कैसे है आप, इस लेख में मैं आपको बताऊँगी कि Psychiatrist कैसे बने कैसे आप एक साइकेट्रिस्ट के रूप में अपना करियर बना सकते है. उससे पहले आपको साइकोलॉजी के बारें में जानना होगा. तो आइए जानते है कि साइकोलॉजी क्या है.
साइकोलॉजी ग्रीक भाषा के दो शब्दों ‘साइको अर्थात् आत्मा तथा लोगोस अर्थात् विज्ञान से मिलकर बना है, जिसे आधुनिक परिवेश में मनोविज्ञान के नाम से भी जाना जाता है. आत्मा एवं मन का विज्ञान, मनोविज्ञान एक बेहद रोचक, व्यावहारिक और गूढ़ विषय है, जिसके द्वारा आप हर उम्र के व्यक्ति के मन की बात सहजता से जान सकते हैं.
आज की तनाव भरी, तेज रफ्तार एवं प्रतिस्पर्धायुक्त जिंदगी में इंसान जहाँ हंसना-खेलना तक भूल गया है, और डिप्रेशन एवं आत्महत्या जैसे कदम उठाने में भी नहीं हिचकिचाता, ऐसे में मनोविज्ञान उसके लिए किसी वरदान से कम नहीं हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक एक सौ पैंतीस करोड़ से भी अधिक आबादी वाले भारत में आज प्राय: हर तीसरा आदमी व्यक्ति किसी-न-किसी रूप में डिप्रेशन की समस्या से जूझ रहा है.
मानसिक समस्याओं की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए साइकेट्रिस्ट्स की उपलब्धता भी अत्यंत दयनीय है.
नेशनल सर्वे ऑफ मेंटल हेल्थ रिसोर्सेज के अनुसार भारत में मनोचिकित्सकों की संख्या 9000 है, यानी कुल एक लाख की जनसंख्या पर मनोचिकित्सकों की संख्या केवल 0.75 है, जबकि जरूरत के हिसाब से यह तीन होना चाहिए.
साइकेट्रिस्ट की मांग को देखते हुए आप इस क्षेत्र में करियर की अच्छी संभावनाएं प्राप्त कर सकते है.
मनोचिकित्सक का जॉब प्रोफाइल
साइकेट्रिस्ट एक डॉक्टर होता है, जो मानसिक समस्याओं की पहचान, रोकथाम और इलाज में स्पेशलाइज्ड होता है.
मानसिक रोगियों को दवाइयां प्रिस्क्राइब करने के साथ साइकेट्रिस्ट का काम रोगी में मानसिक समस्या की हिस्ट्री और उसके सभी मेडिकल रिकॉर्ड की स्टडी करके स्थायी निदान ढूढ़ना, समस्या के उपचार के लिए रिलैक्सेशन थेरेपी, साइकोथेरेपी और अन्य तकनीकों का उपयोग करना होता है.
जरूरत पड़ने पर उन्हें रोगियों के साथ व्यक्तिगत स्तर पर भी कार्य करना पड़ता है.
मनोचिकित्सक कैसे बनें
मनोचिकित्सक के रूप में करियर बनाने के लिए 12वीं बायोलॉजी स्ट्रीम के साथ पास करना होगा. एमबीबीएस की डिग्री के लिए ऑल इंडिया लेवल का नीट (नेशनल एलिजिबिलिटी एंट्रेंस टेस्ट) अच्छी रैंक के साथ पास करना होता है.
एमबीबीएस करने के बाद मनोचिकित्सा में एमडी (डॉक्टर ऑफ मेडिसिन) की डिग्री हासिल करना होगा. यह पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स है, जो तीन वर्ष का होता है.
इसके अतिरिक्त कैंडिडेट एमबीबीएस करने के बाद दो वर्ष का साइकाइट्रिक मेडिसिन में डिप्लोमा या डिप्लोमा ऑफ नेशनल बोर्ड एगेजामिनेशन (डीएनबी) कर सकते है, जो कि एमडी डिग्री के ही समान होता है.
इन संस्थानों से कर सकते है पढ़ाई
ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस, नयी दिल्ली (एम्स).
पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च, चंडीगढ़.
आमर्ड फोर्सेज मेडिकल कॉलेज, पूणे.
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरोसाइंसेज, बेंगलुरू.
विद्यासागर इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंसेज (विमहंस), दिल्ली.
कोर्स व स्पेशलाइजेशन के प्रकार
साइकाइट्री में एमडी (डॉक्टर ऑफ मेडिसिन) के कोर्स में न्यूरोलॉजी, साइकोलॉजी, फिजियोलॉजी, न्यूरोसर्जरी, बायोकेमेस्ट्री के अतिरिक्त सोशल साइकाइट्री, फॉरेंसिक साइकाइट्री, चाइल्ड साइकाइट्री को शामिल किया जाता है. साथ ही मानसिक अस्पतालों में भी प्रशिक्षण दिया जाता है.
साइकाइट्री में एमडी की पढ़ाई के दौरान छात्रों को विभिन्न प्रकार के स्पेशलाइजेशन कोर्स में मनपसंद ऑप्शन का चुनाव करना होता है, जैसे-सब्सटेंशियल एब्यूज थेरेपी, चाइल्ड एंड एडोलसैंट्स साइकाइट्री, एडल्ट साइकाइट्री, साइकोसोमैटिक मेडिसिन, इमरजेंसी साइकाइट्री या जेरिअट्रिक साइकाइट्रिक आदि.
काम के मौके है यहां
बतौर मनोचिकित्सक किसी संस्था से जुड़ने के बजाय आप खुद की क्लीनिक में प्राइवेट प्रैक्टिस कर सकते है. यह कार्य पार्ट-टाइम के साथ-साथ फ्रीलांसर के रूप में कर सकते हैं.
अंतिम शब्द (Last word)
दोस्तों, इस लेख में आपने साइकेट्रिस्ट कैसे बनें (How to become Psychiatrist) इसके बारें मे जाना है, यदि आपको यह लेख अच्छा एवं उपयोगी लगे, तो इसे अपने परिचितो में साझा जरूर करें.
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