बच्चों को सही राह देने के लिए क्या करें? – What to do to give right path to children
बच्चो को स्मार्ट कैसे बनाना चाहिए, (bachcho ko smaart kaise banaana chaahie), बच्चों को सही राह देने के लिए क्या करें, अपने बच्चों को स्कूल जाने के लिए कैसे सावधान करे।
नमस्कार दोस्तों, जो इन दिनों माता-पिता के लिए एक छोटी समस्या बन गई है। बच्चों की स्कूल की छुट्टियां आ करके जल्दी खत्म हो जाती हैं, और हमे पता भी नहीं चलता है। स्कूल खुलने से बच्चो के साथ-साथ माता पिता की भी भागदौड़ सुरु हो जाती है। स्कूल खुलना मतलब बच्चो की बैग, किताबे, टिफिन, स्कूल ड्रेस, शूज इन सभी चीजों की तयारी करना पड़ता है।
इन सभी बातो में, हम सबसे महत्त्वपूर्ण बात भूल जाते है, की आज के दौर में सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। हर माता पिता ने सबसे पहले बच्चो को ट्राफिक के बारे में बताना चाहिए। ट्राफिक नियमो के बारे में बताना चाहिए, और उन्हें जागरूक करवाना चाहिए।
ट्राफिक की सुरक्षा और नियम
सुरक्षा और नियमों के बारे में अवगत करे
सभी माता-पिता और स्कूल के शिक्षकों को ने स्कूली बच्चों को सुरक्षा नियमों के बारे में बताना चाहिए। यदि बच्चे पैदल जाते हैं, या बस में जाते हैं, तो उन्हें हमेशा पता होना चाहिए कि बस में कैसे बैठना है, या कैसे बैठे।
अगर बैठ रहे है तो बताना चाहिए,की सीट बेल्ट लगाकर बैठना है, यदि आप सड़क पार करना चाहते हैं तो आपको सिग्नल देखकर पार करना चाहिए।
सड़क पर न दौड़ें
आप अपने बच्चों को सड़क के बारे में अच्छी तरह से समझाये। सड़क पर चलते समय, किसी से मजाक नहीं करना चाहिए, जब बच्चे स्कूल बस से नीचे उतरे, और सड़क पार कर रहे हो, तो बस के कंडक्टर ने बच्चों को सड़क पार करते हुए देखना होगा। इसके अलावा, बस पार्किंग के बीच से ड्राइव न करें। यह बच्चों के साथ-साथ ड्राइवर के लिए भी खतरनाक साबित हो सकता है।
एक ही रुट से चलने को कहे
एक बात का ध्यान रखें कि आप अपने बच्चों को उसी मार्ग से चलने के लिए कहें और वह रास्ता उन बच्चों के लिए सही होना चाहिए। उन्हें ऐसी सड़क से भेजें जिस पर न्यूनतम क्रॉसिंग हो ताकि उन्हें बार-बार सड़क पार न करना पड़े। ताकि आपके बच्चे सुरक्षित रूप से स्कूल पहुंच सकते हैं।
कार या बस में ओवरलोडिंग से बचें
बच्चों को बताएं कि बस से उतरने के बाद हमेशा बस के सामने से जाएं ताकि ड्राइवर उन्हें जाते हुए देख सके। बस में या फिर गाडी में अधिक भार भरने से मना करे क्यों की कोई परेशानी ना हो बच्चों को और वह आराम से बैठ सके।
अनजान लोगों से सावधान रहें
अपने बच्चों को किसी भी अजनबी से दूर रहने के लिए कहें। और उन्हें समझाए की किसी अजनबी के पास से चॉकलेट, फल, मिठाई, बिस्किट अथवा कोई भी चीज ना ले, क्यों की वह व्यक्ति उन सभी चीजों में कुछ भी मिला सकता है, और उन्हें कहें कि किसी अजनबी के साथ न जाएं।
इलेक्ट्रिक गॅजेट देने से मना करे
हम आज के डिजिटल दुनिया के बारे में अच्छी तरह जानते हैं। आज के डिजिटल युग में, हम अपने बच्चों को गलत चीजों की लत लगाते हैं। जैसे कि वीडियो गेम, मोबाइल और लैपटॉप, इन सभी चीजों को बच्चों के हाथों में देने से बच्चे जिद्दी और गुस्सैल हो जाते हैं। इसलिए बच्चों को इन सभी चीजों से दूर रखें ताकि बच्चे स्कूल जाते समय वीडियो गेम ना खेल सके,और मोबाइल पर बात ना कर सकें। और खुद के लिए खतरे का आह्वान ना करे। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए बच्चों को इन सभी चीजों से दूर रखें।
हेलमेट का उपयोग
अगर आपके बच्चे स्कूटी या बाइक से स्कूल या कॉलेज जा रहे हैं, तो उन्हें रूट नियम जरूर बताएं और सिग्नल क्रॉसिंग के नियम समझाएं। हेलमेट का उपयोग भी सुनिश्चित करें ताकि यह ट्रैफिक पुलिस से बच सके, और एक और चीज जो अन्य आगामी चीजों से महत्वपूर्ण है, वह यह है कि तीसरे व्यक्ति को दो लोगों के अलावा हमारी बाइक पर नहीं बैठना चाहिए। और साथ में ड्राइविंग लाइसेंस भी होना चाहिए।
बच्चो को कीमती चीजे न दे
इस भागदौड़ भरी जिंदगी में हम बच्चों को दुनिया की सारी खुशियां देना चाहते हैं। लेकिन हम उस खुशियों को आमंत्रण देते है। क्यों की सभी जानते है की बच्चों को सोने के लॉकेट, चैन, अंगूठी बहोत कीमती चीजे देते है। और हर कोई जानता है कि इस दुनिया में कई तरह के लोग रहते हैं जैसे कि चोर, डाकू भी। इसलिए बच्चो को कोई भी किसी तरह की कीमती चीजे ना दे ताकि आपकी खुशियों को किसी की नजर लगे।
बस के ड्राइवर कंडक्टर से बच्चों को अवगत कराएं
यदि आपके बच्चे स्कूल बस में जाते हैं, तो आपको अपने बच्चों को ड्राइवर कंडक्टर के साथ संपर्क बनाए रखने और उनके सभी विवरण लेने के लिए कहना चाहिए। जैसे आधार कार्ड, इलेक्शन कार्ड और इलेक्ट्रिक बिल, घर का पता रखें। आपको अपने और अपने बच्चे को भी सारी जानकारी देनी चाहिए। ताकि आपके बच्चे सुरक्षित रहें।
स्कूल के टीचर्स स्टॉफ को भी इन सभी बातो से अवगत कराये
उपर दी गयी सभी चीजों के बारे में स्कूल के स्टॉफ को समझाए ताकि बच्चे स्कूल पोहचने के बाद सुरक्षित रहे। शिक्षकों को यह भी बताये की बच्चो की अटेन्डस दिन दो बार ले एक सुबह और एक अटेन्डस पूरी छुट्टी होने के पहले, शिक्षकों का संपर्क नंबर भी लें ताकि शिक्षकों और आपको किसी समस्या का सामना न करना पड़े।
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